अभी कुछ दिनों पहले मेरी एक मित्र से बात हो रही थी। वह अपने पति के साथ Seattle में रहती हैं। Seattle अमेरिका के ख़ूबसूरत शहरों में से एक है। यहां अमेजन डॉट कॉम और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों का मुख्यालय है। यह पहाड़, सदाबहार घने जंगल और जल से घिरा एक बेहतरीन शहर है। इसके अलावा इमराल्ड सिटी जो कि वास्तव में हज़ारों एकड़ में फैला एक मैदान है।
दिलचस्प बात यह कि मैं न तो इनसे और न ही इनके पति से कभी मिला। इनसे परिचय भी किसी दिलचस्प कहानी से कम नहीं है। छोडि़ये...काम की बात करते हैं। दरअसल अमेरिका में काम करने के लिए work Permit लेना पड़ता है। मोहतरमा को कुछ महीने पहले ही नई नौकरी मिली थी। लेकिन करीब दो महीने पहले इनके work permit की मियाद पूरी हो गई और उन्हें नए permit के लिए आवेदन करना पड़ा। समस्या यह थी कि इसमें वक़्त लग रहा था। कुछ दिन पहले उनसे बात हुई तो बताया कि अगले दिन आव्रजन दफ्तर जाना है, permit का पता करने। मेरे मुँह से निकल गया कि जब दफ्तर पहुँच जाओ तो मैसेज करना। उस समय मैं दफ्तर में था। उनके पति का मैसेज आया कि वे लोग दफ्तर पहुँच चुके हैं। मैं ध्यान लगा कर उनका काम आसान करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन इसी बीच एक साथ कई काम सामने आ गए। लगा जैसे कि कोई जानबूझ कर मुझे भटकाने आ गया। यह सब हंगामा सिर्फ पॉंच-सात मिनट के लिए ही हुआ। इतने में वे लोग बाहर भी आ गए। उस दिन बड़ा अफ़सोस हुआ कि बनता काम बिगड़ गया। शायद ऐसा इसलिए हुआ कि वह सही वक़्त नहीं था। अभी एक हफ्ता पहले उनसे फिर बात हुई। पता चला कि उनके permit का कोई पता ठिकाना ही नहीं है। मैंने कहा कि मैं एक बार कोशिश कर के देखूंगा। उनसे बात करते करते ही मैंने ध्यान लगाया और एक दो मिनट की मोहलत माँगी। फिर मुझे जो करना था किया और उनसे कहा। 24 अप्रैल को मंजूरी मिल जाएगी। लेकिन हस्ताक्षर करने वाले ने महीना कौन सा लिखा यह देखना भूल गया। दिमाग़ में एक ख़्याल आया कि कहीं यह मई का महीना न हो। इस तरह के काम में यदि ध्यान भटका तो काम होने से रहा। लेकिन मोहतरमा ने बड़ी विनम्रता से कहा... कोई बात नहीं। आपने कोशिश तो की। परन्तु मैं तो ठहरा जि़द्दी। मैंने कहा.. अजी ऐसे कैसे छोड़ देंगे। मैं फिर से देखता हूं महीना कौन सा है। इसके बाद ध्यान में मैंने फिर से सब ठीक किया। फिर उनसे पूछा. 26 को कौन सा वार यानी दिन है? उन्होंने कहा- मंगलवार। फिर मेरे मुँह से निकला यानी उस दिन आप दफ्तर जाएंगी। मतलब यह कि उनके आवेदन पर अधिकारी का हस्ताक्षर 24 अप्रैल को होना था और उन्हें 26 तक इसकी सूचना मिलनी थी। उन्हें काम हो जाने की सूचना 26 अप्रैल को ही मिली। मैंने उनसे कहा था कि अगर आपका काम मेरे बताए दिन पर हो जाए तो मुझे ज़रूर बताइयेगा, क्योंकि अपने काम पर शक करना मेरी आदत है। लिहाजा उन्होंने हमारी बातचीत के अंश, अपने शुक्रिया, मेहरबानी, नवाजि़श वाले मेल में चिपका कर भेज दिया। इसलिए पारदर्शिता दिखाते हुए उसे ज्यों का त्यों मैंने भी ब्लॉग पर चिपका दिया।
दरअसल, मैं थोड़ा कन्फ्यूज्ड इस बात को लेकर हूं कि यह कोई दैवीय शक्ति है जो मेरा आदेश मानती है या मेरी मानसिक शक्ति है। इस मानसिक शक्ति से मैं किसी से कुछ भी करा सकता हूं? बहरहाल, अभी और बहुत से प्रयोग होंगे। इसके बाद निष्कर्ष निकलेगा कि यह सब होता कैसे है? यह एक बार की बात होती तो कह सकता था कि इसका पैटर्न अमुक है। लेकिन यह कई बार हो चुका है फिर भी हर बार कोई न कोई सवाल खड़ा हो ही जाता है।
दिलचस्प बात यह कि मैं न तो इनसे और न ही इनके पति से कभी मिला। इनसे परिचय भी किसी दिलचस्प कहानी से कम नहीं है। छोडि़ये...काम की बात करते हैं। दरअसल अमेरिका में काम करने के लिए work Permit लेना पड़ता है। मोहतरमा को कुछ महीने पहले ही नई नौकरी मिली थी। लेकिन करीब दो महीने पहले इनके work permit की मियाद पूरी हो गई और उन्हें नए permit के लिए आवेदन करना पड़ा। समस्या यह थी कि इसमें वक़्त लग रहा था। कुछ दिन पहले उनसे बात हुई तो बताया कि अगले दिन आव्रजन दफ्तर जाना है, permit का पता करने। मेरे मुँह से निकल गया कि जब दफ्तर पहुँच जाओ तो मैसेज करना। उस समय मैं दफ्तर में था। उनके पति का मैसेज आया कि वे लोग दफ्तर पहुँच चुके हैं। मैं ध्यान लगा कर उनका काम आसान करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन इसी बीच एक साथ कई काम सामने आ गए। लगा जैसे कि कोई जानबूझ कर मुझे भटकाने आ गया। यह सब हंगामा सिर्फ पॉंच-सात मिनट के लिए ही हुआ। इतने में वे लोग बाहर भी आ गए। उस दिन बड़ा अफ़सोस हुआ कि बनता काम बिगड़ गया। शायद ऐसा इसलिए हुआ कि वह सही वक़्त नहीं था। अभी एक हफ्ता पहले उनसे फिर बात हुई। पता चला कि उनके permit का कोई पता ठिकाना ही नहीं है। मैंने कहा कि मैं एक बार कोशिश कर के देखूंगा। उनसे बात करते करते ही मैंने ध्यान लगाया और एक दो मिनट की मोहलत माँगी। फिर मुझे जो करना था किया और उनसे कहा। 24 अप्रैल को मंजूरी मिल जाएगी। लेकिन हस्ताक्षर करने वाले ने महीना कौन सा लिखा यह देखना भूल गया। दिमाग़ में एक ख़्याल आया कि कहीं यह मई का महीना न हो। इस तरह के काम में यदि ध्यान भटका तो काम होने से रहा। लेकिन मोहतरमा ने बड़ी विनम्रता से कहा... कोई बात नहीं। आपने कोशिश तो की। परन्तु मैं तो ठहरा जि़द्दी। मैंने कहा.. अजी ऐसे कैसे छोड़ देंगे। मैं फिर से देखता हूं महीना कौन सा है। इसके बाद ध्यान में मैंने फिर से सब ठीक किया। फिर उनसे पूछा. 26 को कौन सा वार यानी दिन है? उन्होंने कहा- मंगलवार। फिर मेरे मुँह से निकला यानी उस दिन आप दफ्तर जाएंगी। मतलब यह कि उनके आवेदन पर अधिकारी का हस्ताक्षर 24 अप्रैल को होना था और उन्हें 26 तक इसकी सूचना मिलनी थी। उन्हें काम हो जाने की सूचना 26 अप्रैल को ही मिली। मैंने उनसे कहा था कि अगर आपका काम मेरे बताए दिन पर हो जाए तो मुझे ज़रूर बताइयेगा, क्योंकि अपने काम पर शक करना मेरी आदत है। लिहाजा उन्होंने हमारी बातचीत के अंश, अपने शुक्रिया, मेहरबानी, नवाजि़श वाले मेल में चिपका कर भेज दिया। इसलिए पारदर्शिता दिखाते हुए उसे ज्यों का त्यों मैंने भी ब्लॉग पर चिपका दिया।
दरअसल, मैं थोड़ा कन्फ्यूज्ड इस बात को लेकर हूं कि यह कोई दैवीय शक्ति है जो मेरा आदेश मानती है या मेरी मानसिक शक्ति है। इस मानसिक शक्ति से मैं किसी से कुछ भी करा सकता हूं? बहरहाल, अभी और बहुत से प्रयोग होंगे। इसके बाद निष्कर्ष निकलेगा कि यह सब होता कैसे है? यह एक बार की बात होती तो कह सकता था कि इसका पैटर्न अमुक है। लेकिन यह कई बार हो चुका है फिर भी हर बार कोई न कोई सवाल खड़ा हो ही जाता है।
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Namaste ji, mera EAD card aa jayega shortly :)
Nagarjuna ji,
I am so happy my work permit is arriving. It is like getting a job offer again.
More
than that, am happy that I have used the time at hand, enjoyed it a
bit. :) Thanks to your advice, and support. It was because of your
advice, and constant support that I was not negative. Your voice and
conversations gave me so much of support. I can not express myself
adequately, and thank you from the bottom of my heart.
I was surprised, about the accuracy of the date you predicted, here is our conversation that we had when you predicted the date:
[12:57 PM, 4/20/2016] Nagarjuna Singh: Main usefir se correct karaunga
[12:58 PM, 4/20/2016] vaishali: Agar aapse hoga to dekhiye nahi to intezar karoongi
[12:59 PM, 4/20/2016] Nagarjuna Singh: Ho to jana chahiye. Aj tak fail nahi hua hun
[1:00 PM, 4/20/2016] vaishali: Haan
[1:00 PM, 4/20/2016] vaishali: Yay
[1:00 PM, 4/20/2016] vaishali: Mujhe vishwas hai
[1:01 PM, 4/20/2016] Nagarjuna Singh: 26th kaun sa war h
[1:01 PM, 4/20/2016] Nagarjuna Singh: Yani din kya h
[1:01 PM, 4/20/2016] vaishali: Tuesday
[1:01 PM, 4/20/2016] Nagarjuna Singh: Ok
[1:02 PM, 4/20/2016] Nagarjuna Singh: Yani us din office jana h
When
I first checked the status, I prayed and thanked Sai baba and Mahavatar
babaji, and was all the time amazed at the correctness of your
prediction. :) . Many many blessings and thanks to you. You are my
ideal. I want to at least be as pure as you, and make someone else feel,
the same way that you are making me feel. I do not know if that is
possible or not, but I want to spread it. I cannot believe that you are
so accurate and pray that you may achieve the ultimate perfection, the
highest state of consciousness and be bliss. Om Namah Shivaya.
Inbox
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